भिन्नता का रंग

हर दिन एक सा नहीं,
हर दिन की अलग कहानी।

एक दिन प्रसन्नता में बितता है,
तो एक दिन खिन्नता दस्तक दे जाती है।

एक दिन उत्साह में बितता है,
तो एक दिन बोरियत दस्तक दे जाती है।

एक दिन अनुकूलता में बितता है,
तो एक दिन प्रतिकूलता दस्तक दे जाती है।

एक दिन स्पष्ट परिस्थितियों में बितता है,
तो एक दिन भ्रमित परिस्थितियां दस्तक दे जाती है।

जीवन की सुंदरता समानता में नहीं है,
जीवन की सुंदरता भिन्नता में छिपी है।

भिन्नता का रंग ही हमें सीखाता है,
भिन्नता का रंग ही हमें निखारता है।

हर दिन के अलग रंग,
हर दिन के अलग ढंग।

हर दिन एक सा नहीं,
हर दिन की अलग कहानी।

19 thoughts on “भिन्नता का रंग

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  1. Yahi jeevan ki chachhai hai jise aapne bakhubi samajh liya hai,
    Aia mere wordpress ke dosto Harina ko Duaain do,
    jisne aap ko ye gyaan diya hai!!
    My gratitude to you for this wonderful post!

  2. शायद यही ज़िंदगी का रंग है
    और जीने का सही ढंग है

    परिस्थिति कैसी भी हो….हम सदा रहेंगे। इसलिए कभी रोने का नहीं😁😁😁

    दिल खुश हो गया दीदी पढ़कर🍭🍬😄😄

    1. हा..सही कहा..रोने की जरूरत ही नहीं है… मुझे बेहद खुशी हुई कि तुम्हे कविता पसंद आई।😊😊🤘🌼

  3. सुबह से इन्तजार में थे
    न वो आया न पैगाम आया
    न सब्र ने घुटने टेके,
    न दिल ने आस छोड़ी
    न सागर में उफान आया
    राह देखते-देखते रात कट गई
    चांद से बातें पूरी हुई
    रात भर तेरे किस्से तेरी बातें
    इत्मिनान से सुनता रहा चांद
    जिनको न कभी तुमने सुना
    एक चांद का साथ पूरा हुआ
    एक चांद का पता नहीं….

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