यह कविता जीवन में कुछ नया करने की चाहत महसूस हो या ज़रुरत महसूस हो, तब हमारे मन में जिस तरह के भाव उठते हैं, उसके बारे में है।
अब नया पन्ना खुलेगा,
मेरे जीवन की किताब में से।
पढ़ना है नया पन्ना,
नये रुप के साथ।
करना है नया,
लिखना है नया।
बोलना है नया,
जीना है नया।
मिलना है नये लोगों से,
देखने हैं नये नज़ारे।
जीवन का दूसरा पहलू है,
जिस में करना है सबकुछ नया।
पुराने समय से सीखकर,
अब जीना है नये समय में।
पुराने अनुभवों से सीखकर,
अब बनाने हैं नये अनुभव।
हूं मैं वही,
पर अंदाज़ है मेरा नया।
वाह👏
धन्यवाद 😊
Many many thanks uncle for your appreciation! Your kind words encourage me to write more and more!😊😊😊
Cheers!😊🤘
वाह, खूब कहा !!
खूब खूब आभार ☺️
Bahut khoob..
Thank you so much 😊
ख़ूब
खूब खूब आभार ☺️🙏
😊👍
🙏
बहुत ही खूबसूरत कविता।👌👌
जब भी होती शाम समझना,
फिर से दिनकर निकलेगा।
जीवन है एक ग्रन्थ,
हर एक पन्नो में नई कहानी है,
एक पन्ने में बन्धन,
दूजे में फिर भरी रवानी है।
वाह! बेहद सुंदर शब्द!
जब भी होती शाम समझना,
फिर से दिनकर निकलेगा।
शुक्रिया सराहने के लिए और आपके शब्द मोती से, मेरी कविता की शोभा बढ़ाने के लिए 😊😊🙏
स्वागत आपका।🙏
सुन्दर
खूब खूब धन्यवाद आपका 😊