द्वंद्व से भरा जीवन!

जीवन की अभिव्यक्ति द्वंद्व में है। जीवन द्वंद्वात्मक है, डायलेक्टिकल है।
इसलिए यहां प्रकाश है और अंधेरा है।
जन्म है और मृत्यु है।
अच्छा है और बुरा है।
सफेद है और काला है।
सुंदर है और कुरुप है।
राम है और रावण है।

जो जानते हैं वे कहेंगे: दोनों में उसका ही खेल है।
जो हम एसा जान ले, फिर हमें अड़चन नहीं रहेगी, फिर जीवन बड़ा प्यारा लगेगा।

जीवन में सब जगह सौंदर्य का अनुभव होगा क्योंकि सब में परमात्मा की छाप पाएंगे और जगह-जगह उसकी पगध्वनि सुनाई पड़ेगी।

Source: saheje-rahiba (bg osho)

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