अभिव्यक्ति की कमी

मानसिक कुंठा का एक कारण ये भी है – अभिव्यक्ति की कमी। इसलिए, मैंने इस विषय पर एक कविता लिखने की कोशिश की है।

अगर हमारी भावनाओं को पूर्ण अभिव्यक्ति नहीं मिलती है, तो यह हमारे मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है। कुंठा, मानसिक तनाव और बीमारी से बचने के लिए अवश्य अपनी भावनाओं को व्यक्त करें।

कविता

आज सुबह ज़रा देर से हुई,
पर कल की थकान मिटा गई।

मानसिक कुंठाओ से थक चुके थे,
जिससे नीरस बन चुके थे।

अभिव्यक्ति की कमी से,
मानसिक कुंठा थी।

अभिव्यक्ति की कमी से,
एक घुटन थी।

पर अभिव्यक्ति को अपनाकर,
मिली आज़ादी मानसिक कुंठा से।

आज नये नये से लग रहे है,
आज तरोताज़ा लग रहे है।

ज़िंदगी को फिर से,
उमंग से जीने के लिए,

आज हम तैयार हैं,
आज हम तैयार हैं।

13 thoughts on “अभिव्यक्ति की कमी

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  1. प्रेम अभिव्यक्ति है रूह की
    देह स्वभाव संसार और घटनाएं तो नश्वर है

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