क्यों रुकता है तू?

बहती नदियों को
कहा आता है थमना?

आसमां के परिंदों को
कहा आता है रुकना?

सीख ले, तू इनसे
क्यों रुकता है तू?

चाहे जो भी हो,
मत थम, मत थम।

चाहे जो भी हो,
चलता जा तू।

9 thoughts on “क्यों रुकता है तू?

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  1. वाह😮.
    आपकी इस रचना से मुझे बहुत सुन्दर गाना याद आ गया…
    गाड़ी बुला रही है,
    जीना सिखा रही है.
    चलना ही जिंदगी है,
    चलतीं ही जा रही हैं!

  2. खूबसूरत रचना।मगर अभी का हालात रुकने को कहता है।
    चलने का है नाम जिंदगी,
    मगर अभी रुक जाओ।

    1. सही बात! अभी तो रूकने में ही भलाई है।

      ज़िंदगी को आगे चलाने के लिए,
      अभी रूकना पड़ेगा।😊

      1. पुनः दौड़ने के लिए प्रकृति रास्ते गढ़ रही है। कंकड़ पत्थर हैं राहों में अभी रुकना ही होगा।

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