बहती नदियों को
कहा आता है थमना?
आसमां के परिंदों को
कहा आता है रुकना?
सीख ले, तू इनसे
क्यों रुकता है तू?
चाहे जो भी हो,
मत थम, मत थम।
चाहे जो भी हो,
चलता जा तू।
बहती नदियों को
कहा आता है थमना?
आसमां के परिंदों को
कहा आता है रुकना?
सीख ले, तू इनसे
क्यों रुकता है तू?
चाहे जो भी हो,
मत थम, मत थम।
चाहे जो भी हो,
चलता जा तू।
nice…consistency is important to get success…
Yes, correctly said by you!✌️👍
Thank u very much😊😊
वाह😮.
आपकी इस रचना से मुझे बहुत सुन्दर गाना याद आ गया…
गाड़ी बुला रही है,
जीना सिखा रही है.
चलना ही जिंदगी है,
चलतीं ही जा रही हैं!
I am so glad that you like this post!☺️
Thank you!
खूबसूरत रचना।मगर अभी का हालात रुकने को कहता है।
चलने का है नाम जिंदगी,
मगर अभी रुक जाओ।
सही बात! अभी तो रूकने में ही भलाई है।
ज़िंदगी को आगे चलाने के लिए,
अभी रूकना पड़ेगा।😊
पुनः दौड़ने के लिए प्रकृति रास्ते गढ़ रही है। कंकड़ पत्थर हैं राहों में अभी रुकना ही होगा।
सही कहा।