यह रिश्ता ही कुछ ऐसा है,
जिसमें लेने से ज़्यादा,
देने में मज़ा मिलता है।
यह एक रिश्ता पति-पत्नी का है।
जिसमें प्यार की कली खिली हो,
जिसमें प्यार की महक उठी हो।
बस प्यार ही प्यार बेशुमार हो,
यह एक रिश्ता पति-पत्नी का है।
जैसे बाती बिना दीया अधूरा,
वैसे पत्नी बिना पति अधूरा!
जैसे चांदनी बिना रात अधूरी,
वैसे पति बिना पत्नी अधूरी!
एक गाड़ी के दो पैये जैसे ये,
चल सके न कोई एक के बिन।
चले जब दोनों साथ,
रोक सके न कोई।
यह एक रिश्ता ही कुछ ऐसा है,
जो दुनिया को चलाता है।
जिसमे एक का अस्तित्व,
दूसरे के होने से ही है।
पति पत्नी एक दूसरे के पूरक होते है. प्रेम और समर्पण की डोर से बंधी खूबसूरत रचना.
आपकी आवाज काफी अच्छी है, सुंदर है…👌👌😊😊
सराहना के लिए, दिल से शुक्रिया 😊