दोहरी मानसिकता

अब परवाह नहीं है
कि लोग क्या कहेंगे

पहले तो मन पर
हावी हो जाती थी
लोगों की बातें।

अब मैंने मन को
मज़बूत कर लिया।

जब पता चला
कि लोगों की तो
दोहरी मानसिकता है।

ज़मीर ही नहीं है लोगों का
जैसे हवा का रुख़ बदलता है
वैसे ही लोगों के मत बदलते हैं।

इसलिए अब परवाह नहीं है
कि लोग क्या कहेंगे।

8 thoughts on “दोहरी मानसिकता

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  1. बिल्कुल सही कहा।👌👌
    परवाह करते करते उम्र गुजर जाएगी,
    शिकायतें तब भी रह जायेगी।

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