आज कोई कविता लिखी जाए

चलो! आज कोई कविता लिखी जाए।

दिल में झांककर जज़्बात को पढ़ा जाए।

जज़्बात को शब्दों में पिरोया जाए।

शब्दों को पिरोकर अर्थ दिया जाए।

अपने भावों को व्यक्त किया जाए।

आज का दिन खूबसूरत बनाया जाए।

चलो! आज कोई कविता लिखी जाए।

15 thoughts on “आज कोई कविता लिखी जाए

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  1. जब जब सोचे लिख दूँ कुछ
    तब साथ कलम ने छोड़ दिया,
    जिसपर था विश्वास उसी ने
    मेरा दामन छोड़ दिया।

  2. रो रो कर मैं उसको लिखता रहा
    रो रो कर वो मुझको पढ़ती रही
    अब लिखुं तो क्या लिखुं मैं

  3. वाह! समय मिले तो हमारा ब्लॉग भी पढ़ें।

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