जैसे नदी बहती है, सागर के लिए।
वैसे हम जीते है, एक-दूजे के लिए।
जैसे बाती जलती है, दिये के लिए।
वैसे हम जीते है, एक-दूजे के लिए।
जैसे नदी बहती है, सागर के लिए।
वैसे हम जीते है, एक-दूजे के लिए।
जैसे बाती जलती है, दिये के लिए।
वैसे हम जीते है, एक-दूजे के लिए।
मैं भी वैसे ही जीता हूँ 😄
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😀😀👍
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sang jinaa sang marne ki khwahish hai……..ye rab ki yaa meri aajmaayeesh hai.
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😊🙏👌
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