दुर्गा माता का यह स्वरूप अंत्यंत गौर (श्चेत वर्णी) है, इतने गौर जैसे की शंख या चंद्र, इसलिए इस स्वरूप को महागौरी कहा गया है।
दुर्गा माता का यह रूप, हमें अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए ज्ञान प्रदान करता है, एसी परिस्थितियां आती है, जब हमें पूरा बदलाव लाना पड़ता है, सोच को बदलने की जरूरत होती है, तब माता हमे ज्ञान देते है कि कैसे परिस्थिति से तालमेल लाकर जीना है।
महागौरी स्वरूप, हमें संकिर्ण दृष्टिकोण (Narrow perspective) से मुक्ति देता है और व्यापक दृष्टिकोण(broader perspective) का द्वार खोलता है।
अगर आप किसी भी मामले में या किसी भी प्रकार से भ्रमित (Confuse) है, तो महागौरी स्वरूप आप को स्पष्टता देगा।
Very well described👍👍😊😊
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Thank you so much for your feedback 😊
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