कुछ राहो की मंजिल ही नहीं होती,
तो तु तो गलत नहीं है।
चला जा अब दूसरी राहो पे,
रुक मत, चल दे।
कुछ संबंधो की तकदीर ही नहीं होती,
तो तु तो गलत नहीं है।
चला जा अब दूसरे नये संबंधो की और,
रूक मत, चल दे।
कुछ रास्ते होते ही है गिरने के लिए,
तो तु तो गलत नहीं है।
उठ जा अब तु इस रास्ते से,
रूक मत, चल दे।
कुछ लोग होते ही हैं सबको तड़पाने के लिए,
तो तु तो गलत नहीं है।
छोड दे मन से दामन उन लोगों का,
रुक मत, चल दे।
कुछ लोग होते ही हैं सबको तड़पाने के लिए,
तो तु तो गलत नहीं है।
छोड दे मन से दामन उन लोगों का,
रुक मत, चल दे।
बहुत ही खूबसूरती से लिखा है।👌👌
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बहुत बहुत आभार आपका।
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